समय का पल पल निकला जाये
क्यों ये हमको समझ ना आये
इसकी किमत जाने जरा
समय को हम पहचाने जरा
ये फिर हाथ कभी ना आये
समय का पल पल निकला जाये
इसको अभी नहीं जो जाना
पडेगा फिर पिछे पछताना
याद रहे ये भुल न जाना
इसका हर क्षण लाभ उठाना
ना इसको युं व्यर्थ गवायें
समय का पल पल निकला जाये
जान के सब अंजान बने है
क्यों इतने नादान बने है
सब को पता है सब है जाने
फिर भी पडे है चादर ताने
इनको तो भगवान जगायें
समय का पल पल निकला जाये
आज न संभले कब संभलेंगे
आज है हम कल क्या होंगे
नहीं पता इक घडी का होता
गया समय फिर क्यों तू रोता
कल कल में तो काल है आये
समय का पल पल निकला जाये
पुण्य का कोई कर्म किया है
जो भारत में जन्म लिया है
सोने पे ये हुआ सुहागा
हमें मिली जो संघ की शाखा
अपने भाग्य पे हम इतराये
समय का पल पल निकला जाये
समय का पल पल बिता जाये
क्यों ये हमको समझ ना आये
इसकी किमत जाने जरा
समय को हम पहचाने जरा
ये फिर हाथ कभी ना आये
समय का पल पल निकला जाये
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