Sunday, August 25, 2019

संगठन का महामंत्र ले तरुणा-ई का ज्वार उठा

संगठन का महामंत्र

संगठन का महामंत्र ले
तरुणा-ई का ज्वार उठा
युग से सोये सुप्त हृदय में
धर्म भक्ती का ज्वार उठा
हिंदु हृदय ललकार उठा ॥धृ॥
वेद उपनिषद रामायण की
मुखरित कर शाश्वत वाणी
सिंहवाहिनी दुर्गा जागी
भारतमाता कल्याणी
जीवनभर कर्तृत्व भाव से
गीता का व्यवहार उठा ॥१॥
युग से सोये सुप्त-----
परंपरा है ऋषिमुनियोंकी
संतोकी शाश्वत वाणी
वीर सुतोंके स्वाभिमान की
कालजयी अमृत वाणी
मान बिंदु ओंकी रक्षा हित
फिर भीषण हुंकार उठा ॥२॥
युग से सोये सुप्त-----
विश्वविजय का स्वप्न धारकर
कठिन परिश्रम करना है
समता ममता समरसता का
भाव जगत में भरना है
मनमें दृढ संकल्प लिये फिर
अमर पुत्र ललकार उठा ॥३॥
युग से सोये सुप्त-----
सूर्यवंश का महातेज ले
शत्रुहृदय् दहलायेंगे
ब्रह्मतेज का तत्वज्ञान ले
ज्ञानशिखा लहरायेंगे
केशव-माधव की पुकार सुन्
सोया हिंदु जाग उठा ॥४॥
युग से सोये सुप्त-----

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