ध्येयदिप जलता रहे
ध्येयदिप जलता रहे
ध्येयदीप जलता है क्षण क्षण कण कण
और निखरता हैं मातृभू के चरण
जगमगाता और दिपों
ध्येयपथ पर है अग्रेसर
ध्येयदिप जलता रहे
ध्येयदिप जलता रहे
संघ ज्योती से प्रसादित
राष्ट्र धर्म से प्रभावित
चाल उसकी भले हो धिमी
आयुभर भर है जलते रहना
ध्येयदिप जलता रहे
ध्येयदिप जलता रहे
सतत सक्रिय स्वभाव उसका
निष्क्रियता कही शब्द नहीं है
हो कही भी शरीर उसका
आत्मा सतत निज ध्येयपथवर
ध्येयदिप जलता रहे
ध्येयदिप जलता रहे
केशव - माधव दीप जले हैं
और असंख्य संघज्योती बढाते
ध्येय उसका अडीग रहता
मातृभूमी के मंदिर में
ध्येयदिप जलता रहे
ध्येयदिप जलता रहे
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