नारी हुं मैं
और जगत की
हुं मैं आदिशक्ती
चेतना मै जीवात्मा की
नटेश्र्वर की शक्ति
चराचर की सगुण माया
यह सब तो है मेरी किमया
प्रवर्तीनी मै सब कार्योंकी
मै हुं जीवन ज्योती
नटेश्र्वर की शक्ति
मै हुं चारुता
मै हुं मधुरता
मै ही दिव्यता और भव्यता
मै मंगलता स्नेहशिलता
सृजनता की मूर्ती
नटेश्र्वर की शक्ति
मै कन्या मै स्नेहल भगिनी
मै पत्नी मै गृहस्वामिनी
मै माता हुं अभयदायीनी
मुर्तीमंत मै स्फूर्ती
नटेश्र्वर की शक्ति
मै सृष्टी भूमी मै सरिता
कामधेनू मै मै कल्पकता
तेजशलाका कांतीमती मै
मै धृती मेधाभक्ती
नटेश्र्वर की शक्ति
मै विद्या मै कलाकामिनी
मै लक्ष्मी मै विभवदायीनी
मै दुर्गा मै शौर्यशालिनी
त्रिगुणात्मक अभिव्यक्ती
नटेश्र्वर की शक्ति
नारी हुं मैं
और जगत की
हुं मैं आदिशक्ती
चेतना मै जीवात्मा की
नटेश्र्वर की शक्ति
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