भारत मां का मान बढाने
बढते मां के मस्ताने
कदम कदम पर मिल जुल गाते
वीरों के व्रत के गाने ||
ऋषियों के मंत्रों की वाणी
भरती साहस नस नस में
चक्रवर्तियों की गाथा सुन
नही जवानी है बस में
हर हर महादेव के स्वर से
विश्व गगन को थर्राने ||
हम पर्वत को हाथ लगा कर
संजीवन कर सकते हैं
मर्यादा बन कर असुरों का
बलमर्दन कर सकते हैं
रामेश्वर की पूजा कर के
जल पर पत्थर तैराने ||
हिरण्याक्ष का वक्ष चीर दे
नरसिंह की दहाड लिये
कालयवन का काल बने जो
योगेश्वर की नीति लिये
चक्र सुदर्शन की छाया में
गीता अमृत बरसाने ||
जरासंध छल बल दिखला ले
अंतिम विजय हमारी है
भीमपराक्रम प्रकटित होगा
योगेश्वर गिरिधारी है
अर्जुन का रथ हांक रहा जो
उस के हम सब दीवाने ||
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