शपथ लेना तो सरल है
पर निभाना ही कठिन है।
साधना का पथ कठिन है
साधना का पथ कठिन॥
शलभ बन जलना सरल है
प्रेम की जलती शिखा पर।
स्वयं को तिल-तिल जलाकर
दीप बनना ही कठिन है ॥१॥
है अचेतन जो युगों से
लहर के अनुकूल बहते
साथ बहना है सरल
प्रतिकूल बहना ही कठिन है ॥२॥
ठोकरें खाकर नियति की
युगों से जी रहा मानव।
है सरल आँसू बहना
मुस्काना ही कठिन है ॥३॥
तप-तपस्या के सहारे
इन्द्र बनना तो सरल है।
स्वर्ग का ऐश्वर्य पाकर
मद भुलाना ही कठिन है ॥४॥
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