घरों घरों में बने जीजा और घर घर मे शिवराय
केशव का वह हिन्दू राष्ट्र का वचन व्यर्थ ना जाये।
त्याग तपस्या बलिदानों से स्वाधीनता पायी बरसों से,
स्वधर्म की दयनीय अवस्था, बस अब सही ना जाये,
हिन्दू धर्म के विविध पंथ है, कोटि संत कोटि महंत है।
हम सबका बस एक सूत्र हो एक सभी की राय।
हम हिन्दू है देश हमारा, रामकृष्ण का मिला सहारा।
ध्येय साधना डगर मिली है, मंजिल तक पहूँचाय।
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