स्वयंसेवकों का यही एक सपना ।
बनें कार्यकर्ता, बढे देश अपना ।।ध्रु।।
कोई श्याम वर्णी , कोई गौर वर्णी ।
कोई शांत भावी , कोई क्रोध-कर्मी ।।
सभी मित्र बनकर ।
करें काम मिलकर ।।
कोई हो नवागत,तो कोई पुराना।।१।।
बनें कार्यकर्ता .......
न पूर्वाग्रही हो , न हो आत्मभावी ।
ह्रदय मन खुला हो,विवेकी स्वभावी।।
विचारों में स्थिरता ।
वचन में मधुरता ।।
परायों व अपनों की निंदा से बचना।।२।।
बनें कार्यकर्ता ......
उमंगी रहे हम , उमंगी हो साथी ।
गति भी रहे , आपसी मेल खाती ।।
अकेले न हो हम ।
यही ध्यान हरदम ।।
कदम से कदम को,मिलाकर ही चलना।।३।।
बनें कार्यकर्ता .......
हो चिंतन हमारा , सदा दूरगामी ।
मगर कार्यशैली,हो एक-एक कदमी ।।
सभी काम भारी ।
हो परिणामकारी ।।
सफलता मिलेगी,यही भाव भरना।।४।।
बनें कार्यकर्ता ....
वाचन, मनन और अनुभव कथन से ।
रखें अद्यतन ज्ञान,बौद्धिक जतन से।।
सदा स्वस्थ हो हम ।
रहे व्यस्त भी हम ।।
समय-दान-क्षमता,बढ़ाते ही रहना।।५।।
बनें कार्यकर्ता ....
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