Tuesday, September 3, 2019

विश्वमंगल साधना के

विश्वमंगल साधना के

विश्वमंगल साधना के
हम है मौन पुजारी
आराधक है विश्वशांती के
अक्षय टेक हमारी ॥धृ॥
विविध पंथ मत दर्शन शैली
भाषा रित विधान प्रणाली
एक सच्चिदानंद रूप की
भव्य सृष्टी यह सारी ॥१॥
अर्थ काम के पीछे सब
नर भाग रहे है अंधे होकर
धर्म भावसे दूर करेंगे
विकृती स्वेच्छाचारी ॥२॥
बलहीनोंको नही पूछता
बलवानों को विश्व पूजता
संघशक्ती युग सत्य आज है
मानवता हितकारी ॥३॥
संघशक्ती यह विजयशालिनी
खल संहारक धर्मरक्षिणी
नये विश्व का सृजन करेगी
सबजन मंगलकारि ॥४॥

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